Panchayat Raj System Strengthened In Jammu And Kashmir: Lok Sabha Speaker Said On The Second Day Of Jammu And Kashmir Tour – जम्मू कश्मीर में पंचायतराज व्यवस्था मजबूत हुई: जम्मू कश्मीर दौरे के दूसरे दिन बोले लोकसभा अध्यक्ष

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'जम्मू कश्मीर में पंचायतराज व्यवस्था मजबूत हुई': जम्मू कश्मीर दौरे के दूसरे दिन बोले लोकसभा अध्यक्ष

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने हल्का पंचायत और ब्लॉक विकास परिषद के जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की. (फाइल)

नई दिल्ली:

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Lok sabha Speakar Om Birla) इन दिनों जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) के दौरे पर हैं. अपने दौरे के दूसरे दिन आज लोकसभा अध्यक्ष पहलगाम पहुंचे. पहलगाम पहुंचने पर लोकसभा अध्यक्ष का जोरदार स्वागत किया गया. पहलगाम में बिरला ने हल्का पंचायत और ब्लॉक विकास परिषद के जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक की. बैठक में जिला विकास परिषद के सदस्य भी शामिल हैं. इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि जम्मू और कश्मीर में पंचायतराज व्यवस्था सुदृढ़ और मजबूत हुई है. साथ ही जनप्रतिनिधि संस्थाओं की जवाबदेही बढ़ी है. 

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इस मौके पर बिरला ने कहा, ‘देश 75वें स्वाधीनता दिवस को आजादी के अमृत महोत्सव के रूप में मना रहा है. आजादी के बाद सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन के साथ देश में व्यापक विकास हुआ है.’

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर देश का मुकुट और शान है. यहां का प्राकृतिक सौंदर्य अप्रतिम है. उन्होंने कहा कि यहां के लोगों में शालीनता, सादगी और देश के प्रति समर्पण है. जम्मू और कश्मीर के गांव आत्मनिर्भर होने की ओर बढ़ रहे हैं. 

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लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि जम्मू और कश्मीर में पंचायतराज व्यवस्था सुदृढ़ और मजबूत हुई है. लोकतांत्रिक व्यवस्थाएं मजबूत हुई हैं और जनप्रतिनिधि संस्थाओं की जवाबदेही बढ़ी है. लोगों की आशाएं और अपेक्षाएं पूरी करने में हल्का पंचायत और ब्लॉक विकास परिषद सराहनीय कार्य कर रही हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि हल्का पंचायत, ब्लॉक विकास परिषद और जिला विकास परिषद मिलकर विकास कर रहे हैं.

बिरला ने कहा कि सत्ता का विकेंद्रीकरण जरूरी है ताकि लोकतांत्रिक संस्थाएं सशक्त हों. हल्का पंचायतों का आमजन से सीधा जुड़ाव होता है. जनता की भागीदारी बढ़ाने और आमजन की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए जनप्रतिनिधि काम करें और विकास कार्यों को लेकर जनता की आशाओं का ध्यान रखें. 

उन्होंने कहा कि निश्चित समय पर ग्राम सभाएं हों, बैठकों में जनभागीदारी भी हो. ब्लॉक से लेकर संसद तक समस्याओं को सामने लाने और समाधान का सरल सिस्टम विकसित होना चाहिए. बैठकों के लिए नियम प्रक्रियाएं भी तय करें और सबको बोलने का अवसर मिले. साथ ही उन्होंने कहा कि संसद की तर्ज पर शून्यकाल, प्रश्नकाल हो और सभी विषयों पर चर्चा हो. पंचायती राज संस्थाओं को और वित्तीय अधिकार मिलें तथा अधिक शक्तियां मिलनी चाहिए.

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