Students Securing 60pc Marks In Bengal Board Exams Eligible For Scholarship Scheme Says Mamata – पश्चिम बंगाल बोर्ड परीक्षा में 60 प्रतिशत अंक हासिल करने वाले छात्र स्कॉलरशिप योजना के पात्र: ममता

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पश्चिम बंगाल बोर्ड परीक्षा में 60 प्रतिशत अंक हासिल करने वाले छात्र स्कॉलरशिप योजना के पात्र: ममता

बंगाल के प्रसिद्ध लेखकों द्वारा लिखित पुस्तकों के अलावा सभी छात्रों को लैपटॉप भेंट किए गए. (फाइल फोटो)

कोलकाता:

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee) ने गुरुवार को कहा कि राज्य बोर्ड परीक्षाओं में 60 प्रतिशत अंक हासिल करने वाले छात्र ‘स्वामी विवेकानंद मेरिट-कम-मीन्स स्कॉलरशिप स्कीम’ के लिए पात्र होंगे. उन्होंने यह भी कहा कि पात्रता मानदंड को 75 प्रतिशत से 60 प्रतिशत तक संशोधित किया गया है ताकि अधिक छात्र इस पहल से लाभान्वित हो सकें. बनर्जी ने गुरुवार को माध्यमिक, उच्च माध्यमिक और मदरसा परीक्षाओं के कम से कम 1,700 सफल उम्मीदवारों को सम्मानित किया. 

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बंगाल के प्रसिद्ध लेखकों द्वारा लिखित पुस्तकों के अलावा सभी छात्रों को लैपटॉप भेंट किए गए. छात्रवृत्ति योजना का उद्देश्य राज्य में आर्थिक रूप से पिछड़े परिवारों के मेधावी छात्रों की सहायता करना है. कार्यक्रम के तहत, पारिवारिक आय की ऊपरी सीमा 2,50,000 रुपये प्रति वर्ष तय की गई है.

वहीं, पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा है कि यूपीएससी के पास ना तो अधिकार क्षेत्र है और ना ही उसमें किसी राज्य के डीजीपी पर विचार करने और नियुक्त करने की विशेषज्ञता है. सरकार ने कहा है कि यह भारतीय संघीय शासन प्रणाली के अनुरूप नहीं है. ये अर्जी ममता बनर्जी सरकार द्वारा 1986 बैच के एक आईपीएस अधिकारी को राज्य के कार्यवाहक डीजीपी के रूप में नामित करने के एक दिन बाद दाखिल की गई है, जबकि नए डीजीपी के चयन को लेकर राज्य और यूपीएससी के बीच खींचतान चल रही है.

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राज्य सरकार के अनुसार, यूपीएससी ने पद के लिए सुझाए गए नामों की बंगाल सरकार की सूची में कई खामियां निकाल दी है. सरकार ने कहा है कि केंद्र और राज्य सरकारें एक अच्छी तरह से परिभाषित क्षेत्र में समन्वय से काम करती हैं. लेकिन उसी समय वो एक दूसरे से स्वतंत्र होती हैं.

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